डिकी डोलमा Biography

10 मई 1993 को सुबह के लगभग 11:00 बजे विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट को केवल 19 वर्ष की आयु में विजय कर ना केवल कुल्लू मनाली बल्कि हिमाचल के साथ-साथ भारत का नाम भी रोशन किया  डिकी डोलमा की बचपन से ही खेलों के प्रति रुचि रखती थी |

           अन्य चोटिया जिन पर डिकी डोलमा जी  ने विजय प्राप्त की
डिकी डोलमा ने 1991 में माउंट कमेंटमाउंट अबीगामीन1992 में ममोस्टैंग कांगरी, 10 मई 1993 माउंट एवरेस्ट, 1994 में लद्दाख़ी पिक तथा 1995 एवं 1997 में हनुमान टिंब्बा जैसी ऊंची चोटियों पर विजय प्राप्त की |

जन्म, प्रशिक्षण तथा प्रतियोगिताएं जिनमें डिकी डोलमा जी ने भाग लिया
5 अप्रैल 1974 में संड्क राम के घर (कुल्लू, हिमाचल प्रदेश ) में जन्मी डिकी डोलमा ने 1986 में एलिमेंट्री स्कीइंग का प्रशिक्षण, 1987 में एडवांस स्कीइंग कोर्स, 1991 में बेसिक माउंट ट्रेनिंग कोर्स, 1994 में एडवांस माउंट ट्रेनिंग कोर्स एवं 1994 में ही एम ओ आई का प्रशिक्षण पर्वतारोहण एवं खेल संस्थान मनाली से प्राप्त किया |

अटल बिहारी वाजपेई पर्वतारोहण संस्थान में एक अनुदेशक के रूप में कार्यरत इस प्रतिभाशाली लड़की का सफर आगे भी गौरवमयी है | उसने मनाली में आयोजित ऑल इंडिया विंटर कार्निवल की प्रतियोगिता में दो बार भाग लिया जिसमें उन्होंने स्वर्ण रजत व कांस्य पदक प्राप्त किए राष्ट्रीय शीतकालीन खेलों में 5 बार भाग लेने पर चार बार स्वर दो बार रजत और चार बार कांस्य पदक प्राप्त किए ऑल इंडिया ओपन प्रतियोगिता में एक बार हिस्सा लेकर स्वर्ण पदक प्राप्त किया भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन शीतकालीन खेलों में दो बार भाग ले कर दो स्वर्ण एक रजत व एक कांस्य पदक प्राप्त किया 
हिमाचल कप में स्वर्ण व एक रजत पदक प्राप्त किया | 2002 में औली उत्तराखंड में आयोजित स्कीइंग प्रतियोगिता में 2 स्वर्ण पदक प्राप्त करने के साथ-साथ इन प्रतियोगिताओं में अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए 4 बार सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के अलंकार से सुशोभित किया गया |



 कोरिया में आयोजित की गई प्रतियोगिता में भी उन्होंने भाग लेकर प्रदर्शन किया न्यूजीलैंड 1997 में आयोजित हुई फिश स्कीइंग प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 1996 में फकोसीमा जापान में आयोजित गेम में भारतीय टीम की कोच बन कर गई |

डिकी डोलमा जी को मिले हुए पुरस्कार
छोटी आयु से ही मन में कुछ करने की चाह में डिक्की को अनेक सम्मान दिलाए | 
  • सन 1951 में हिमाचल सरकार द्वारा डिस्टिंक्शन इन एडवेंचर स्पोर्ट्स
  •  1993 में भारत के उपराष्ट्रपति द्वारा महिलाओं के सबसे ऊंचे सम्मान महिला शिरोमणि पुरस्कार
  •  1994 में नेशनल एडवेंचर सम्मान सबसे छोटी उम्र (उस समय) में माउंट एवरेस्ट पर फतह पाने पर
  •  2000 में इन्हें भारत गौरव पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया |

Also Read 



ये भी पढ़े 









Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.